यह कविता मेरे जीवन की सच्चाई है.... यह कविता मेरे जीवन की सच्चाई है....
बारिश की पहली फुहार सी तुम मेरे जीवन में आना सावन के प्यासे पतझड़ पर बनकर मधुंबूंद बर बारिश की पहली फुहार सी तुम मेरे जीवन में आना सावन के प्यासे पतझड़ पर बनक...
आज समझ पाया हूं मैं तुम्हारे उस अनकहे प्रेम को। आज समझ पाया हूं मैं तुम्हारे उस अनकहे प्रेम को।
वही मेरे जीवन का आधार मेरी बेटी मेरा श्रवण कुमार। वही मेरे जीवन का आधार मेरी बेटी मेरा श्रवण कुमार।
मेरे सेंटा मेरे पापा साथ हर दिन निभाते हैं रात हो या दिन मेरी हर मुस्कराहट की खातिर मेरे सेंटा मेरे पापा साथ हर दिन निभाते हैं रात हो या दिन मेरी हर मुस्कर...
बाँस की हँस कर दोहरी होती टहनियाँ,जब बाँसुरी बन सजती हैं,कहती हैं व्यथा बिछोह की,किसी गडरिये के होठो... बाँस की हँस कर दोहरी होती टहनियाँ,जब बाँसुरी बन सजती हैं,कहती हैं व्यथा बिछोह की...